अगस्त महीने में बरसात के दौरान त्रिवेणीघाट में गंगा का जलस्तर बढ़ने से मलबे का ढेर लग गया। बरसात को बीते हुए करीब तीन महीने से अधिक का समय बीत गया है। स्थानीय प्रशासन की ओर से घाट पर जमा मलबे के ढेर को अभी तक नहीं हटाया गया है। घाट पर जगह-जगह मलबा होने से यहां घूमने आ रहे पर्यटक और श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है। आस पास जमा मलबे का ढेर घाट की सुंदरता को बदरंग बना रहा है।
त्रिवेणीघाट ऋषिकेश की हृदय स्थली कहा जाता है। गंगा आरती में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। सुबह से लेकर शाम तक लाखों की तादाद में लोग यहां गंगा में आस्था की डुबकी लगाते हैं। साथ ही सैर सपाटे के लिए आते हैं। अगस्त 2023 में बरसात के दौरान गंगा नदी उफान पर आ गई थी। गंगा का जलस्तर बढ़ने से त्रिवेणीघाट से लेकर नावघाट तक मलबे का ढेर जमा हो गया था।
मलबे के ढेर को हटाने के लिए डीएम सोनिका ने स्थानीय प्रशासन को इसका टेंडर जारी करने के निर्देश दिए थे। लेकिन तीन महीने से अधिक का समय बीत गया है। अभी तक घाट पर जमा मलबे के ढेर को नहीं हटाया गया है। जिला गंगा सुरक्षा समिति के सदस्य विनोद जुगलान ने बताया कि जिला गंगा सुरक्षा समिति की मासिक बैठक में डीएम सोनिका के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद भी अभी तक सिल्ट जमा है। आगामी नमामि गंगे की बैठक में मामला समिति अध्यक्ष के संज्ञान में लाया जाएगा।