जाति आधारित जनगणना पर है कांग्रेस का फोकस : हरीश रावत

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पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने कहा कि दिल्ली कार्य समिति की बैठक में तीन महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। जिसमें कहा गया है कि 2021 में जनगणना हो जानी चाहिए थी, लेकिन वर्तमान सरकार उसे टालती रही। पूर्व सीएम रावत ने कहा कि यदि उनकी सरकार आती है तो 2024 में यह उनकी प्राथमिकताओं में रहेगा।

मंगलवार को भानियावाला में पत्रकारों से वार्ता के दौरान पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि जनगणना जाति आधारित होनी चाहिए। जिससे मालूम पड़े कि उन जातियों के लिए क्या किया जाना शेष है। ताकि शंक्वाकार विकास मॉडल की बजाय निचले स्तर के व्यक्ति को भी विकास का लाभ मिल सके।

उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा संवैधानिक आरक्षण को समाप्त करने का षड्यंत्र किया जा रहा है। सरकारी पद नहीं भरे जा रहे हैं। चतुर्थ श्रेणी के पदों को खत्म कर दिया गया है। रेल, टेलीकॉम, हवाई, रक्षा आदि क्षेत्रों को पूंजीपतियों को बेचा जा रहा है। जब यह संस्थाएं नहीं रहेगी तब पद भी नहीं होंगे और आरक्षण अपने आप ही समाप्त हो जाएगा। हरीश रावत ने महिला आरक्षण पर कहा कि इसे केंद्र ने 2033 तक लटकाने का कार्य किया है। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष मोहित उनियाल, मनोज नौटियाल, करतार नेगी, नरेंद्र चौहान, लक्ष्मण बिष्ट, अब्दूल रजाक आदि उपस्थित रहे।

हरीश रावत ने स्थानीय मुद्दों पर बोलते हुए आरोप लगाया कि सूर्यधार बांध का भाजपा ने बंटाधार किया है। बांध से किसानों को सिंचाई और लोगों को पेयजल नही मिला है। ये भाजपाई ही बता सकते हैं कि सूर्यधार बांध में किस भाजपाई ने कितना माल बनाया है। कहा डोईवाला शुगर मिल को बेचने की साजिश की जा रही हैं। रानीपोखरी में प्रस्तावित लॉ यूनिवर्सिटी को जानबूझकर लटकाया जा रहा है। जिससे एयरपोर्ट और डोईवाला के आसपास की जमीनों को पूंजीपतियों को बेचा जा सके।

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