हिमालयीय विवि माजरीग्रांट की ओर से थानो की शांत और खूबसूरत पहाड़ियों में देश-विदेश के लेखक और साहित्यकारों को लेखन कार्य के लिए एक लेखक गांव की स्थापना की जा रही है। जिसका काफी कार्य पूरा कर लिया गया है। इस गांव में विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में देश-विदेश के कई लेखकों और साहित्यकारों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि लेखन कार्य और साहित्य सृजन के लिए एक शांत और प्राकृतिक वातावरण की जरूरत होती है। इसलिए थानो में लेखक गांव की स्थापना की जा रही है। लेखक गांव में साल में प्रदेश स्तर, राष्ट्रीय स्तर और अंतरराष्ट्रीय स्तर के तीन कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिसमें लेखन और साहित्य से जुड़ी प्रतिभाओं को सम्मानित किया जाएगा। कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी को भी शामिल किया जाना चाहिए।
कनाडा से आई लेखिका शैलजा सक्सेना ने कहा कि साहित्य लेखन के लिए उत्तराखंड से बेहतर कोई दूसरा स्थान नही है। इस अवसर पर हिमालयीय विश्वविद्यालय कुलाधिपति डॉ. प्रदीप भारद्वाज, बालकृष्ण चमोली, हिमालयीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. काशीनाथ जेना, विदुषी निशंक, डॉ. सविता मोहन, हिमालय विरासत न्यास की अध्यक्ष आशना नेगी, अरविंद अरोरा, नरेंद्र सिंह, प्रदीप दत्ता आदि मौजूद रहे।
कार्यक्रम में ब्रिटेन की दिव्या माथुर, जय वर्मा, कृष्ण टंडन, कनाडा की शैलजा सक्सेना, स्नेह ठाकुर, अमेरिका के अनूप भार्गव, रूस के इंद्रजीत सिंह, आयरलैंड के अभिषेक त्रिपाठी, जापान की रमा शर्मा, कवि अनिल जोशी, डॉ. मधु चतुर्वेदी, मिहिर मिश्रा आदि को शॉल ओढ़ाकर व पुस्तकें भेंट कर सम्मानित किया गया।