प्रदेश में 10 मई से शुरू हुई चारधाम यात्रा में अब तक एसडीआरएफ ने कुल 144 रेस्क्यू किए हैं। इस दौरान 65 गंभीर लोगों को समय पर अस्पताल पहुंचाकर उनकी जान बचाई। करीब 37 शवों को भी बरामद किया।
चारधाम यात्रा पूरे चरम पर है। देश के प्रत्येक राज्य से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु चारधाम यात्रा को पहुंच रहे हैं। ऐसे में रेस्क्यू टीमों की जिम्मेदारी भी काफी बढ़ गई है। यात्रा के लिए एसडीआरएफ ने विभिन्न पोस्टों पर कुल 319 दक्ष रेस्क्यूअर की तैनाती की है। इनमें 11 महिला रेस्क्यूअर भी शामिल हैं जो कि पहली बार टीम में आई हैं। इन महिला रेस्क्यूअर को केदारनाथ, यमनोत्री और बदरीनाथ यात्रा मार्गों पर तैनात किया गया है। ये रेस्क्यूअर प्राथमिक चिकित्सा के साथ ही जरूरतमंद श्रद्धालुओं को ऑक्सीजन, सीपीआर और दवाएं भी दे रहे हैं। एसडीआरएफ मुख्यालय जौलीग्रांट को 24 घंटे हाई अलर्ट पर रखा गया है।
फ्रैक्चर होने पर मौजूदा संसाधनों से मदद
अतिसंवेदशील, अतिदुर्गम इलाकों या बहुत गहरी खाई में श्रद्धालुओं के घायल होने के बाद फ्रैक्चर होने की स्थिति में रेस्क्यू टीमें मौजूदा संसाधनों से राहत पहुंचा रही हैं। पतली रस्सियों, लकड़ी आदि के सहारे मरीज के फ्रैक्चर हाथ, पांव आदि की प्राथमिक चिकित्सा कर अस्पतालों तक पहुंचा रहे हैं। इससे अस्पताल में डॉक्टरों को प्लास्टर कर हड्डियां आदि ठीक करने में मदद मिल रही है।
इन ग्लेशियर और भूस्खलन वाले क्षेत्रों में तैनात हैं टीमें
एसडीआरएफ की टीमों को केदारनाथ में रुद्रा ग्लेशियर, हेमकुंड साहिब में अटला कोटी और भूस्खलन वाले क्षेत्रों गोविंद घाट, पुलना, भ्यूंडार, घांघरिया जैसे अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में भी तैनात किया गया है।
चारधाम यात्रा में तैनाती से पहले एसडीआरएफ की टीमों को कड़ी ट्रेनिंग दी गई थी। इस चारधाम यात्रा में पहली बार महिला रेस्क्यूअर को भी तैनात किया गया है। चारधाम यात्रा को सकुशल संपन्न कराने के लिए पूरी फोर्स को हाई अलर्ट पर रखा गया है। – मणिकांत मिश्रा, कमांडेंट, एसडीआरएफ