रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा घोटाला मध्यमप्रदेश में सामने आए व्यापम घोटाला की तरह बनता जा रहा है। हालांकि, अभी तक इस घोटाले में सफेदपोशों का गठजोड़ का खुलासा नहीं हो पाया है। प्रदेश का एक नामी वकील इस मामले में जेल में हैं। केपी सिंह और उससे पहले तीन बाइंडरों की मौत से इस मामले को व्यापम घोटाले की तरह जोड़कर देखा जा रहा है। यह घोटाला भी दस-बीस करोड़ नहीं बल्कि एक हजार करोड़ से भी अधिक बताया जा रहा है।
वर्ष 2009 में मध्य प्रदेश में सामने आया व्यापम घोटाला ऐसा था। जिसके पीछे कई नेताओं, वरिष्ठ अधिकारियों और व्यवसायियों का हाथ था। जब इस घोटाले की परतें खुलनी शुरू हुई और इसमें बड़े-बडे चेहरे सामने आए तो एक के बाद एक कई लोगों की संदिग्ध मौतें हुई। देहरादून के फर्जी रजिस्ट्री घोटाले में अभी तक कोई राजनैतिक गठजोड़ तो सामने नहीं आया है, लेकिन एक नामी वकील का नाम इससे जुड़ा है। जो कि किसी बड़े गठजोड़ की ओर इशारा कर रही है।