102 वर्ष की आयु में ली आखरी साँस
बागेश्वर। आजाद हिंद फौज के एकमात्र स्वाधीनता सेनानी 102 वर्षीय राम सिंह चैहान जो कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। स्वाधीनता सेनानी को जिला अस्पताल में भर्ती किया था। जहां उनका इलाज चल रहा था। आज सुबह तीन बजे उनका जिला अस्पताल में निधन हो गया है।
बागेश्वर गरुड़ ब्लाक के पासदेव वज्यूला निवासी स्वाधीनता सेनानी चैहान की तबीयत कुछ दिनों पहले अचानक खराब हो गई थी। परिजन उन्हें जिला अस्पताल लेकर आ गए थे। उन्हें बुखार के साथ ही कफ की शिकायत थी। सेनानी चैहान के पुत्र गिरीश चैहान ने बताया कि वह भोजन नहीं कर पा रहे थे। जिला अस्पताल के चिकित्सक लगातार उनकी निगरानी कर रहे हैं। उनके जल्द स्वस्थ होने की उम्मीद थी। उनके स्वास्थ्य में सुधार भी हो रहा था। सेनानी के परिजन अस्पताल में उनकी देखरेख कर रहे थे।
चैहान आजाद हिंद फौज के जांबाज सिपाही रहे हैं। वह गढ़वाल राइफल में तैनाती के दौरान ही सशस्त्र आजाद हिंद फौज में शामिल हो गए थे। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ उन्होंने आजादी के आंदोलन में बढ़चढ़ कर प्रतिभाग किया था। चैहान के वीरता के इलाके के सभी लोग कायल थे। सेनानी के बीमार होने की सूचना पर कई लोगों ने अस्पताल पहुंचकर उनकी सेहत की जानकारी ली थी। लोगों ने सेनानी के जल्द स्वस्थ होने की कामना की थी। लेकिन आज सुबह तीन बजे उन्होंने जिला अस्पताल में अंतिम सांस ली है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस से प्रभावित राम सिंह चैहान वर्ष 1942 में अपने साथियों के साथ सशस्त्र आजाद हिंद फौज में शामिल हो गए। उन्होंने नेताजी के साथ मलाया, सिंगापुर, बर्मा आदि स्थानों पर देश की आजादी की लड़ाई लड़ी। अंग्रेजों की जेल में रहे, यातनाएं सहीं लेकिन अंग्रेजों के सामने झुके नहीं, देश आजाद हुआ। वर्ष 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सेनानी राम सिंह को ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया। राम सिंह पूरी तरह 101 साल तक स्वस्थ रहे। लेकिन कुछ दिनों पहले उनका स्वास्थ्य अचानक खेत में काम करते करते खराब हो गया। राम सिंह चैहान देश की वर्तमान व्यवस्था से हमेशा नाराज रहे हैं। चैहान के निधन पर जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव, विधायक सुरेश गड़िया, पूर्व विधायक ललित फर्सवान, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी, भाजपा अध्यक्ष इंद्र सिंह फर्सवान, कांग्रेस के भगवत सिंह डसीला, पूर्व दर्जा राज्य मंत्री राजेंद्र टंगड़िया, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष गीता रावल आदि ने गहरा दुख जताया है।