पुलिस प्रशासन विफल, प्रदेश में खुलेआम घूम रहे नशा तस्कर

Spread the love

पढाई के लिए प्रसिद्ध देहरादून अब नशे की गिरफ्त्त में

देहरादून: पुलिस की विफलता के चलते प्रदेश की राजधानी देहरादून पूरी तरह से नशा तस्करों की गिरफ्त में आ चुकी है। पुलिस का नशा मुक्ति अभियान शहर में पूरी तरह से विफल होता दिख रहा है। पूरे जनपद के कोने कोने में नशा तस्कर सक्रिय है। जोकि युवाओं के जीवन कों अंधकार की ओर धकेल रहे है।

एक समय देहरादून शहर पूरे देश में शिक्षा के लिए विख्यात रहा है। यहां देश के सभी उच्च कोर्टी के शिक्षण संस्थान जिनमें दून स्कूल व बेहलम स्कूल जैसे नाम शामिल है। जिसमें देश की कई हंस्तियां शिक्षा ग्रहण कर चुकी है। उत्तराखण्ड राज्य गठन के बाद यह शहर पहले तो शिक्षा माफियाओं के निशाने पर आया। शहर के बाहरी क्षेत्रों में कई प्राईवेट इंस्ट्टूयूट व काॅलेज खुले। जिनमें वर्तमान में एक लाख से भी उपर अन्य जनपदों व अन्य प्रदेशों का युवा आकर शिक्षा ग्रहण कर रहा है।

प्रदेश पुलिस की विफलताओं के चलते पूरी तरह से नशा तस्करों के निशाने पर आ गया है। दून जनपद के जिस जिस क्षेत्र में प्राईवेट शिक्षण संस्थान खुले है। उन हर जगहों पर नशा तस्कर पूरी तरह से सक्रिय नजर आ रहे है। जो युवाओं को नशे का सामान उपलब्ध कराकर उनके जीवन को अंधे कुएं में धकेलने का काम कर रहे है। अन्य राज्यों व बाहरी जनपदों से स्मैक,चरस अफीम व गांजे जैसे मादक पदार्थो की भारी खेंप दून तक पहुंच रही है।

बताया जा रहा है कि जिनके पीछे नशा तस्करों का एक पूरा नेटवर्क काम कर रहा है। इसे देखते हुए पुलिस ने नशा मुक्ति अभियान की शुरूआत तो की पर नशा तस्करों पर नकेल कसने में दून पुलिस पूरी तरह से विफल नजर आ रही है। नशा तस्कर पूरे जनपद के हर इलाकें में खुलेआम अपनी गतिविधियों को अन्जाम दे रहे है। नशा तस्करों के खिलाफ पुलिस की कार्यवाही का असर भी कहीं नही दिखाई दे रहा है। शहर के बाहर चाहे मसूरी रोड हो, या फिर पटेल नगर हर जगह नशा तस्कर सक्रिय है। सबसे बुरा हाल प्रेमनगर से लेकर सहसपुर और विकासनगर क्षे़त्र का बताया जा रहा है। क्योंकि सहसपुर ब्लाक में कई शिक्षण संस्थान है। जहां बड़ी संख्या में छात्र’-छात्राएं शिक्षा ग्रहण करने आते है।

नशाखोरी के मामले में दून के हालात लगातार बिगड रहे है। नशा खोरी के खिलाफ पुलिस का अभियान नशा तस्करों के सामने बौना साबित हो रहा है। यह पुलिस ने इस मामले में शिघ्र कोई ठोस पहल नही की तो दून शिक्षा नगरी की जगह पूरी तरह से नशा नगरी बनकर रह जाएगा।

Previous post मौसम की चुनौतियों के बावजूद सोनप्रयाग से हजारों यात्री केदारनाथ के लिए रवाना
Next post आस्था के धाम में हुक्का पीते युवक इंटरनेट पर वायरल