आयुर्वेद केवल चिकित्सा पद्धति ही नहीं बल्कि आदर्श जीवन जीने का तरीका: सीएम धामी

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हरिद्वारः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय ऋषिकुल के सभागार में आयोजित प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय पशु चिकित्सा एवं आयुर्वेद संगोष्ठी में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित भी कियाI उन्होंने आयुर्वेद को केवल चिकित्सा पद्धति ही नहीं बल्कि आदर्श जीवन जीने का तरीका बतायाI इस मौके पर उनके साथ कबीना मंत्री सतपाल महाराज व योग गुरु बाबा रामदेव भी मौजूद रहेI

मुख्यमंत्री ने भारत को वैदिक काल से ही आयुर्वेद द्वारा पशुधन स्वास्थ्य के क्षेत्र में पारंपरिक ज्ञान को लागू करने वाला प्रमुख देश बताया। उन्होंने कहा कि ’’सर्वे संतु निरामया’’ का संदेश देने वाला पंचम वेद अर्थात आयुर्वेद हमारी समृद्ध प्राचीन विरासत का अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने ’’पंचप्राण’’ में इसी समृद्ध प्राचीन विरासत और पारंपरिक ज्ञान को सहेजने पर जोर दिया है।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद केवल चिकित्सा पद्धति ही नहीं अपितु आदर्श जीवन जीने का तरीका भी है। यह मात्र बीमारियों का इलाज नहीं करता बल्कि आयुर्वेद को अपनाकर हम अपने शरीर को बीमार होने से रोक सकते हैं। उन्होंने कहा कि पशुधन हमारे देश की बड़ी ताकत है, जिन्हें बचाना हमारा प्रमुख कर्तव्य है और मानव संसाधन के साथ ही आयुर्वेद के प्रयोग द्वारा हम अपने पशुधन को भी रोगमुक्त रख सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने वर्तमान में मनुष्यों से भी अधिक पशुओं में एंटीबॉयोटिक्स का इस्तेमाल करने पर चिन्ता व्यक्त करते हुये कहा कि यह स्थिति पशुओं के लिए ही नहीं, बल्कि हमारे लिए भी अत्यंत हानिकारक है, जिसे हम आयुर्वेद को अपनाकर ही नियंत्रित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में जड़ी-बूटियों का भण्डार होने के कारण यहां आयुर्वेद का और भी अधिक महत्व है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से आयुष और आयुर्वेद के क्षेत्र में हम निरंतर कार्य कर रहे हैं और आयुर्वेद से होने वाले लाभों को आमजन तक पहुंचाने के लिए भी प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार 300 आयुष हैल्थ व वेलनेस केन्द्रों के संचालन एवं 150 पंचकर्म केन्द्रों की स्थापना के लिए प्राथमिकता के साथ कार्य कर रही है। आयुर्वेद, होम्योपैथी व नेचुरोपैथी के विकास द्वारा रोजगार व आर्थिकी को भी व्यापक विस्तार देते हुये, इसके लिए हम प्रयासरत हैं।

उन्होंने बताया कि हमारी सरकार ने प्रदेश में राज्य पशुधन मिशन शुरू किया है, इसके तहत 60 करोड़ का निवेश किए जाने की योजना बनाई गई है। इससे सात हजार पशुपालकों को प्रत्यक्ष और दस हजार पशुपालकों को अप्रत्यक्ष रोजगार का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के गांवों में दुनिया की सबसे समृद्ध और सबसे कुशल पशु स्वास्थ्य परंपरा मौजूद है। यह ज्ञान पशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम साबित हो सकता है। बताया कि इस बार के बजट में स्थानीय निकायों में पशुधन, गौ सदन के निर्माण के लिए 14.15 करोड़ का प्रावधान किया है वहीं, गौ पालन योजना के लिए 2.79 करोड़ का प्राविधान भी अलग से किया गया है।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने गंगा, गौमाता व पर्यटन पर विस्तृत प्रकाश डाला। बाबा रामदेव ने कहा कि आयुर्वेद का जितना महत्व है, उतना ही गौमाता का भी है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के माध्यम से गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज सम्भव है तथा आयुर्वेद का भविष्य उज्ज्वल है।

इस अवसर पर के.एन. राघवेन्द्र, कुलपति उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय. प्रोफेसर सुनील जोशी, डॉ. हेमेन्द्र यादव, प्रेम चन्द्र शास्त्री, हरिशंकर शर्मा, रानीपुर विधायक आदेश चौहान, पूर्व विधायक लक्सर संजय गुप्ता सहित सम्बन्धित पदाधिकारी एवं अधिकारी उपस्थित थे।

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